दोस्तों आज हम इस पोस्ट में क्लास 12 इतिहास के टॉप 100 Question को देखेंगे | जो बिहार बोर्ड कई बार पूछा है | जो आप सभी स्टूडेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है | अगर आप सभी यह question को याद कर लेते है | तो आप को टॉपर बनने से कोई नहीं रोक सकता |
Bihar Board History Class 12 Top 100 Question
Bihar Board 12th History complete course | |
Name of content – | class 12th History crash course |
Subjects – | History |
Duration | 15 Days |
content | MCQ , Short & Long |
Important for | Bihar board & Other state board Exam |
Day – | 1st |
- निम्न में से किसने मोहनजोदड़ों की उत्खनन की?
D |
(A) माधोस्वरूप वत्स (B) दयाराम साहनी
(C) विलियम जोन्स (D) राखालदास बनर्जी
- किस धातु का ज्ञान सिन्धु घाटी के वासियों को नहीं था?
(A) सोना (B) चाँदी
C |
(C) लोहा (D) ताँबा
- हड़प्पा किस नदी के किनारे स्थित है?
(A) सिन्धु (B) ब्यास
D |
(C) सतलज (D) रावी
- कलिंग की लड़ाई कब लड़ी गई?
(A) 261 ई०पू० (B) 280 ई०पू०
A |
(C) 285 ई०पू० (D) 290 ई०पू०
- कार्बन-14 विधि से आप क्या समझते हैं?
(What do you mean by Carbon-14 method?)
उत्तर- कार्बन-14 विधि काल गणना की एक विधि है। इसमें जीवित वस्तुओं के अवशेष के आधार पर उसकी काल अवधि की गणना की जाती है। कार्बन के दो अपरूप कार्बन-12 और कार्बन-14 सभी सजीव में उपलब्ध रहते हैं। जब किसी सजीव वस्तु मृत हो जाती है तो उसमें कार्बन-12 का क्षरण होता है जबकि कार्बन-14 यथावत बना रहता है। इसी को आधार बनाकर उस वस्तु की प्राचीनता ज्ञात की जाती है।
- हड़प्पा सभ्यता किस युग की सभ्यता है?
(A) लौह युग (B) ताम्र युग
C |
(C) कांस्य युग (D) इनमें से कोई नहीं
- मोहनजोदड़ो का शाब्दिक मतलब है|
(A) मृतकों का टीला (B) महान का टीला
A |
(C) जीवितों का टीला (D) इनमें से कोई नहीं
- भारतीय पुरातत्व का पिता किसे कह जाता है?
(A) लॉर्ड कर्जन (B) अलेक्जेन्डर कनिंघम
B |
(C) दयाराम साहनी (D) लॉर्ड डलहौजी
- हड़प्पा का उत्खनन किया था
(A). जॉन मार्शल (B) आर०डी० बनर्जी
C |
(C) दयाराम साहनी (D) एस० आर० राव
- कालीबंगा कहाँ स्थित है?
(A) सिन्ध (B) बंगाल
D |
(C) उत्तर प्रदेश (D) राजस्थान
- पाटलिपुत्र नगर की स्थापना किस नदी के संगम पर की गयी थी?
(A) गंगा – युमना-सरस्वती (B) सोन- फल्गु-गंगा
D |
(C) पुनपुन- गंडक – फल्गु (D) गंगा – सोन- पुनपुन
- उत्खनन से आप क्या समझते हैं?
(What do you mean by excavation?)
उत्तर- उत्खनन उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसमें किसी पुराने टीले की खुदाई कर पुरानी सभ्यता की जानकारी हासिल की जाती है। यह क्षैतिज और उर्ध्वाधर दो प्रकार से किया जाता है। इसमें प्राचीन कालीन पुरावशेष जैसे अभिलेख, मृण मूर्तियाँ, सिक्के, भवन अवशेष आदि पाये जाते हैं। इसी के आधार पर इतिहासकार एवं पुरातत्त्ववेत्ता उसका काल निर्धारण करते हैं।
- हड़प्पा सभ्यता की मुहरें किस चीज़ की बनी हैं।
(A) लोहे (B) ताँबे
D |
(C) कांसे (D) सेलखडी
- बनावली किस राज्य में स्थित है?
(A) हरियाणा (B) पंजाब
A |
(C) गुजरात (D) महाराष्ट्र
- हड़प्पा संस्कृति आधारित थी।
(A) व्यापार पर (B) कृषि पर
A |
(C) पशुपालन पर (D) शिकार पर
- हड़प्पा सभ्यता के लोग उपासना करते थे-
(A) विष्णु की (B) वरुण की
C |
(C) मातृदेवी की (D) इंद्र की
- हड़प्पा सभ्यता का स्वरूप क्या है?
(A) ग्रामीण सभ्यता (B) शहरी सभ्यता
B |
(C) भोजन संग्राहक सभ्यता (D) कबीलाई सभ्यता
- हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर कौन है?
(A) हड़प्पा
(B) मोहनजोदड़ो
(C) कालीबंगा
B |
(D) लोथल
- हड़प्पा लिपि के बारे में आप क्या जानते हैं?
(What do you know about the Harappan script?)
उत्तर- हड़प्पा लिपि मुख्यतः चित्र लिपि है। विद्वान अभी तक इस लिपि को पढ़ नहीं पाए हैं। इसमें कुल मिलाकर 250 से 400 लिपि के संकेत मिले हैं। यह लिपि दाई से बाईं फिर बाईं से दाईं लिखी जाती थी। इस लिपि से संबंधित कोई अभिलेख न मिलने के कारण ही हड़प्पा सभ्यता को आद्य ऐतिहासिक काल में रखा गया है।
- हड़प्पा सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी।
(A) नगर योजना व वास्तुकला (B) व्यापार
A |
(C) कला (D) पशुपालन
- हड़प्पा सभ्यता का प्रशासन था।
(A) राजतंत्रात्मक (B) लोकतंत्रात्मक
C |
(C) नगरपालिका (D) गणतंत्रात्मक
- हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
(A) विदेशी आक्रमण (B) प्राकृतिक कारण
D |
(C) मानवीय कारण (D) उपर्युक्त सभी
- हड़प्पा सभ्यता के स्थल से स्त्री के गर्भ से पौधा निकलता दिखता है।
(A) बलूचिस्तान (B) मोहनजोदड़ो
C |
(C) हड़प्पा (D) आलमगीरपुर
- मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार का विवरण दें।
(Describe the great bath of Mohenjodaro)
उत्तर— मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार पक्की ईंटों के स्थापत्य का एक सुंदर नमूना है। यह स्नानागार 11.88 मीटर लंबा; 7.01 मीटर चौड़ा और 2.45 मीटर गहरा है। दोनों सिरों पर हौज की सतह तक सीढ़ियाँ बनी हुई है। इसके चारों ओर छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। इसका प्रयोग संभवतः आनुष्ठानिक स्नान के लिए होता था क्योंकि भारत के धार्मिक अनुष्ठानों में स्नान का बड़ा महत्त्व है।
- सिन्धुघाटी सभ्यता के स्थलों में सर्वप्रथम किस स्थल का उत्खनन हुआ था?
(A) हड़प्पा (B) मोहनजोदड़ो
A |
(C) धौलावीरा (D) लोथल
- सिन्धु सभ्यता में गोदीबाड़ा का प्रमाण कहाँ से मिला है?
(A) लोथल (B) कालीबंगा
A |
(C) राखीगढ़ी (D) वणमाली
- किस सिन्धु स्थल से सूती साक्ष्य मिले हैं?
(A) कालीबंगा (B) रंगपुर
D |
(C) सुतकाजेंडोर (D) मोहनजोदड़ो
- मोहनजोदड़ो किस नदी के किनारे बसा हुआ था?
(A) सिन्धु नदी (B) रावी नदी
A |
(C) झेलम नदी (D) चेनाव नदीं
- लोथल कहाँ स्थित है?
(A) गुजरात (B) पश्चिम बंगाल
A |
(C) राजस्थान (D) पंजाब
- अभिलेख किसे कहते हैं?
(What is called inscription?)
उत्तर— अभिलेख पत्थर, धातु आदि की सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामग्री को कहते हैं। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही हो रहा है। यह मुख्य रूप से शासकों का राज्यादेश होता था। सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक के प्रस्तर अभिलेख है। सोना, चाँदी, पीतल, ताँबा, लोहा आदि पर लिखित अभिलेख पाये गये हैं। अभिलेख किसी भी कालखंड के जानकारी प्राप्त करने का प्राथमिक स्रोत माना जाता है।
- प्राचीन इतिहास का निर्माण किया गया—
(A) साहित्यिक स्रोतों के आधार पर
(B) विदेशी यात्रियों के विवरण के आधार
(C) पुरातात्विक अवशेषों के आधार पर
D |
(D) उपरोक्त सभी के आधार पर
- गन्दे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था सर्वप्रथम किस सभ्यता में देखने को मिलती है?
(A) सिन्धुघाटी सभ्यता (B) मिस्र की सभ्यता
A |
(C) रोमन सभ्यता (D) चीनी सभ्यता
- कालीबंगा किस नदी के किनारे अवस्थित था?
(A) रावी (B) सिन्धु
D |
(C) सतलज (D) सरस्वती / घग्गर नदी
- सिन्धु सभ्यता का बंदरगाह नगर कौन था?
(A) हड़प्पा (B) मोहनजोदड़ो
D |
(C) कालीबंगा (D) लोथल
- सिन्धु सभ्यता में नर्तकी की मूर्ति कहाँ से मिली है?
(A) मोहनजोदड़ो (B) हड़प्पा
A |
(C) कोटदीजी (D) राखीगढ़ी
- पुरातत्व से आप क्या समझते हैं?
(What do you understand by Archaeology?)
उत्तर— पुरातत्व ऐतिहासिक स्त्रोत होता है। उत्खनन से प्राप्त सभी सामग्रियों को पुरातत्व कहा जाता है। इसमें मूर्तियों, शिलालेख, अस्थि अवशेष, मिट्टी के बर्तन, सिक्के, पाषाण उपकरण आदि आते हैं। ये सभी चीजें जिस कालखंड की होती है उस कालखंड की प्राथमिक ऐतिहासिक स्रोत मानी जाती है।
- सिन्धु सभ्यता का किस देश के साथ व्यापारिक संबंध नहीं था?
(A) मेसोपोटामिया (B) ईरान
D |
(C) अफगानिस्तान (D) चीन
- सिन्धुवासियों के प्रमुख देवता कौन थे?
(A) इन्द्र (B) विष्णु
C |
(C) पशुपति महादेव (D) गणेश
- सिन्धु घाटी सभ्यता का कौन-स -सा स्थान ‘मृतकों का टीला‘ के रूप में जाना जाता है?
(A) हड़प्पा (B) चन्होदड़ो
C |
(C) मोहनजोदड़ो (D) कालीबंगा
- सिंधु घाटी सभ्यता का कौन-सा स्थल ‘सिंध का बाग‘ कहा जाता है?
(A) मोहनजोदड़ो (B) हड़प्पा
A |
(C) लोथल (D) कालीबंगा
- सिन्धु सभ्यता में समाज का स्वरूप था।
(A) मातृसतात्मक (B) पितृसत्तात्मक
A |
(C) दोनों (D) दोनों में से कोई नहीं
- हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें।
(Discuss the extent of the Harappan Civilization)
उत्तर— हड़प्पा सभ्यता का उदय भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिम भाग में हुआ था। रंगनाथ राव महोदय के अनुसार हड़प्पा सभ्यता का विस्तार पूर्व से पश्चिम तक 1600 किमी० एवं उत्तर से दक्षिण तक 1100 किमी० है। यह सभ्यता उत्तर में कश्मीर के मांडा जिले से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक और पश्चिम बलुचिस्तान के मकरान तट से उत्तर-पूर्व में मेरठ तक फैली हुई है। इसका क्षेत्रफल त्रिभुजाकार है और लगभग 1, 299, 600 वर्ग किलोमीटर में फैला है जो निश्चय ही पाकिस्तान अथवा प्राचीन मिस्र या मेसोपोटामिया से बड़ा है।
- सिन्धुघाटी सभ्यता किसके समकालीन नहीं मानी जाती है?
(A) चीन की सभ्यता (B) मिस्र की सभ्यता
A |
(C) मेसोपोटामिया की सभ्यता (D) क्रीट की सभ्यता
- सिंधु सभ्यता का क्षेत्रफल किस आकार का था?
(A) आयताकार (B) वर्गाकार
D |
(C) वृत्ताकार (D) त्रिभुजाकार
- किस सिन्धु स्थल में महिला और पुरुष को एक साथ दफनाया गया है?
(A) लोथल (B) सुतकोंतडा
C |
(C) राखीगढ़ी (D) बनवाली
- सिन्धु घाटी सभ्यता की जुड़वाँ राजधानी थी।
(A) मोहनजोदड़ो-चन्हुदड़ो (B) हड़प्पा-लोथल
C |
(C) हड़प्पा-मोहनजोदड़ो (D) लोथल-कालीबंगा
- राखलदास बनर्जी को मोहनजोदड़ो के अवशेष किस वर्ष मिले?
(A) 1920 ई० में (B) 1921 ई० मे
C |
(C) 1922 ई० में (D) 1923 ई० में
- सिन्धुघाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है?
(Why does Indus vally civilization called Harrapan Civilization?)
उत्तर- सिन्धुघाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि हड़प्पा नामक स्थान पर ही सर्वप्रथम 1922 ई० में राखल दास बनर्जी ने उत्खनन करवाया और नगर सभ्यता को प्रकाश में लाया। इसके बाद ही अन्य स्थानों पर पुरातात्विक खुदाई की गई । सिन्धुघाटी सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण नगर होने तथा हड़प्पा में ही इस सभ्यता का उत्खनन हुआ इसके चलते ही इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
- हल से जुते खेत के साक्ष्य कहाँ मिले हैं?
(A) कालीबंगा (B) रंगपुर
A |
(C) लोथल (D) रोपड़
- राय बहादुर दयाराम साहनी ने कहाँ उत्खनन करवाया था?
(A) मोहनजोदड़ो (B) हड़प्पा
B |
(C) लोथल (D) कालीबंगा
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के पहले डायरेक्टर जनरल कौन थे?
(A) ए० कनिंघम (B) जॉन मार्शल
A |
(C) आर ई० एम० व्हीलर (D) राखल दास बनर्जी
- हड़प्पा सभ्यता में अग्निकुंड कहाँ पायी गयी है?
(A) कालीबंगान (B) लोथल
A |
(C) रोपड़ (D) कोई नहीं
- इतिहास लेखन में साहित्यिक स्त्रोतों का क्या महत्त्व है?
(What is the importance of literary sources in history writing?)
उत्तर— इतिहास लेखन में साहित्यिक स्रोतों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। हमारा साहित्य दो प्रकार का है— (i) धार्मिक साहित्य
(ii) लौकिक साहित्य ।
धार्मिक साहित्य में ब्राह्मण तथा ब्राह्मणेतर ग्रन्थों की चर्चा की जा सकती है। ब्राह्मण ग्रन्थों में वेद, उपनिषद्, रामायण, महाभारत, पुराण तथा स्मृति ग्रन्थ आते हैं। जबकि ब्राह्मणेत्तर ग्रन्थों में बौद्ध तथा जैन साहित्यों से संबंधित रचनाओं का उल्लेख किया जा सकता है। मौर्यकालीन भारत की राजनीतिक व प्रशासनिक अवस्था की जानकारी कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मेगास्थनीज की इंडिका से हो पाती है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात है कि सही इतिहास लेखन तभी संभव है जब हम पुरातात्विक स्रोतों के साथ ही साहित्यिक स्रोतों का भी तुलनात्मक अध्ययन करेंगे।
LONG TYPE QUESTION ANSWER 5 MARKS
- हड़प्पा सभ्यता के पतन के मुख्य कारणों का वर्णन करें।
(Describe the main causes of the decline of Harappan civilization.)
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता के पतन के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
(i) प्राकृतिक आपदा- हड़प्पा सभ्यता के पतन का सबसे प्रमुख कारण प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ आना, नदियों का मार्ग बदलना, भूकंप आदि माना जाता है। आज भी बाढ़, भूकंप आदि प्राकृतिक आपदा के सामने मानव असहाय हो जाता है। हड़प्पा काल में लगभग सभी प्रमुख शहर नदियों के किनारे पश्चिमोत्तर भारत में फैले थे। बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा ने इस सभ्यता का पतन किया।
(ii) आर्य आक्रमण के कारण– हड़प्पा सभ्यता के पतन का दूसरा प्रमुख कारण आर्य आक्रमणकारियों को माना जाता है। आर्य लोग घोड़े का युद्ध में प्रयोग जानते थे। ऋग्वेद में हरियूपिया नामक नगर के इनके प्रमुख देवता पुरंदर यानी इंद्र द्वारा नष्ट करने की चर्चा मिलती है। इसके अलावे प्रारम्भिक वैदिक सभ्यता हड़प्पा के बाद शुरू होती है तथा प्रारंभिक निवास स्थान सप्त सिंधु क्षेत्र माना जाता है जहाँ पहले हड़प्पा सभ्यता थी।
(iii) आर्थिक तंत्र का कमजोर होना– हड़प्पा सभ्यता मुख्यतः शहरी सभ्यता थी। शहरी सभ्यता का अस्तित्व तब तक बना रहता है जब तक उसके आस-पास के क्षेत्रों में अधिशेष उत्पादन हो। किसी कारण वश चाहे भूकंप, नदियों के मार्ग परिवर्तन, आग लगने या आर्य आक्रमण से अधिशेष उत्पादन प्रभावित हुआ जिससे हड़प्पा के नगरों का आर्थिक तंत्र प्रभावित हुआ। इसी कारण हड़प्पा सभ्यता का पत्तन हुआ।
- हड़प्पा सभ्यता की सामाजिक स्थिति की विवेचना करें।
(Discuss the social condition of Harappan Civilization.)
उत्तर- सामाजिक जीवन सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त अवशेषों से पता चलता है कि सिन्धु सभ्यता के लोगों का सामाजिक जीवन काफी उन्नत था। उनकी सभ्यता नागरिक सभ्यता थी और इन्हें आधुनिक जीवन की सुख-सुविधायें प्राप्त थी। इसके साथ ही लोग शिक्षित थे और लेखन कला का ज्ञान प्राप्त था। सिन्धु सभ्यता से प्राप्त अवशेषों से मालूम पड़ता है कि समाज चार भागों में बँटा हुआ था— (i) विद्वान (ii) योद्धा (iii) व्यवसायी और (iv) श्रमिक।
समाज की इकाई परिवार थी और परिवार मातृसतात्मक था। ये लोग बड़े शांतिप्रिय थे और युद्धों से घृणा करते थे।
सिन्धु सभ्यता के लोगों का भोजन सादा व पौष्टिक था जिनमें गेहूँ और जौ की प्रधानता थी। फल और विभिन्न तरह के सब्जियाँ भी इनके भोजन में शामिल था। ये लोग दूध और दूध से बनी सामग्रियों का भी प्रयोग करते थे। इनके भोजन में भेड़, मछली, कछुए व अण्डे भी शामिल थे। पहनावा ओढ़ावा में सूती एवं ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे। स्त्री और पुरुषों में आभूषणों का बड़ा शौक था।
समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। पर्दा प्रथा, सती प्रथा आदि के साक्ष्य नहीं मिले हैं। वे घर पर सूत काटने एवं कपड़ा बुनने का कार्य करती थीं। बच्चे मिट्टी के बने खिलौने का प्रयोग करते थे। नृत्य, संगीत तथा शतरंज मनोरंजन के प्रमुख साधन थे।
- हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें।
(Discuss the extent of the Harappan civilization.)
उत्तर- सिन्धुघाटी अथवा हा की संस्कृति ताम्रपाषाणिक सभ्यताओं से भी पुरानी थी। इसका उदय भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग में हुआ था। चूंकि इस सभ्यता का विकास मुख्यतः सिन्धु नदी के सभी निकटस्थ क्षेत्रों में हुआ था, अतः ह्वीलर आदि विद्वानों ने इसे सिन्धुघाटी सभ्यता का नाम दिया। परंतु आधुनिक विद्वान इस नाम को उचित नहीं ठहराते, क्योंकि इसका विस्तार केवल सिन्धुघाटी (पंजाब, सिन्ध) तक ही सीमित न होकर बलुचिस्तान, गुजरात, राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों को भी घेरे हुए है। यह सभ्यता उत्तर में कश्मीर के मांडा जिले से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक और पश्चिम में बलुचिस्तान के मकरान तट से लेकर उत्तर-पूर्व में मेरठ तक फैली हुई है। इसका क्षेत्रफल त्रिभुजाकार है और लगभग 1,299600 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो निश्चय ही पाकिस्तान अथवा प्राचीन मिस्र या मेसोपोटामिया से बड़ा है।
अब तक इस सभ्यतां के लगभग 1000 स्थलों का पता चला है, जिनमें नगरों की संख्या केवल छः है। इनमें हड़प्पा, मोहनजोदड़ो बहुत ही महत्त्वपूर्ण नगर थे। इन दोनों नगरों में 483 किलोमीटर की दूरी थी, और ये सिन्धु नदी द्वारा आपस में जुड़े हुए थे। अन्य नगर चंहुदड़ो, लोथल (गुजरात), कालीबंगा (राजस्थान) और बनवाली है। इस सभ्यता के अवशेष गुजरात राज्य में रंगपुर तथा रोजदी में भी मिले हैं।
- हड़प्पा सभ्यता के नगर योजना के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
(Discuss the main features of Town planing of Harappan Civilization.)
अथवा,
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
(Discuss the main features of Harappan Civilization.)
उत्तर- सिन्धुघाटी की सभ्यता अपनी नगर योजना तथा भवन निर्माण कला के लिए प्रसिद्ध थी। सभी बड़े नगर एक सुनिश्चित योजना के आधार पर बने थे। खुदाई में प्राप्त भग्नावशेषों से नगर निर्माण योजना की निम्नलिखित विशेषताएँ सामने आती हैं।
सड़कों का प्रबंध — आवागमन की सुविधा के लिए सड़कों की समुचित व्यवस्था की गई। थी। संपूर्ण नगर में सड़कों एवं नालियों का जाल-सा बिछा हुआ था । सड़कें पूरब से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। सम्पूर्ण नगर आयताकार खण्डों में विभक्त नजर आती थी।
नालियों का प्रबंध– नगर निर्माण की एक अन्य विशेषता गन्दे जल के निकास की सुन्दर व्यवस्था थी । गन्दे जल की निकासी के लिए सारे नगर में नालियों का जाल-सा बिछा हुआ था। घरों से गन्दा पानी बहकर गली की नालियों में चला जाता था, फिर छोटी नालियाँ बड़ी नालियों में मिलती थीं जो अन्त में विशाल नालों में मिलकर शहर से बाहर चला जाता था।
भवन तथा सार्वजनिक स्थान—– सिन्धु घाटी सभ्यता के नगरों में छोटे-बड़े सभी प्रकार के घर मिलते हैं। प्रत्येक घर के बीच में एक आंगन, उसके चारों तरफ कमरे, रसोईघर, शौचालय और स्नानगृह पाया गया है। भवन निर्माण में आडम्बर अथवा सजावट की ओर कम उपयोगिता की ओर अधिक ध्यान दिया जाता था ।
सार्वजनिक स्नानागार – मोहनजोदड़ो का सबसे महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थान विशाल स्नानागार था। इस स्नानागार का फर्श पक्की ईंटों का बना था। इसको भरने के लिए पास में एक बड़ा कुआँ था। इस स्नानागार का प्रयोग संभवत: विशेष अवसरों पर सार्वजनिक स्नान के लिए किया जाता था।
उपर्युक्त विवरण से पता चलता है कि सिन्धुघाटी की सभ्यता बड़े नगरों की सभ्यता थी। सुन्दर सड़कों, नालियों एवं गलियों की साफ-सफाई से इस बात का संकेत मिलता है कि यहाँ कोई नियमित शासन व्यवस्था थी जो अपना काम बड़ी सावधानी से सम्पन्न करता था।