दोस्तों आज हम इस पोस्ट में इतिहास के टॉप 100 क्वेश्चन को देखेंगे | जो आप के लिए बहुत ही मत्वपूर्ण है | यह सभी क्वेश्चन बिहार बोर्ड ने कई बार पूछा है | अगर आप सभी स्टूडेंट यह सभी क्वेश्चन याद कर लेते है | तो आप को टॉपर बनने से कोई नहीं रोक सकता |तो आप सभी स्टूडेंट तैयार हो जाये |
Bihar Board History Class 12 Top 100 Question
Bihar Board 12th History complete course | |
Name of content – | class 12th History crash course |
Subjects – | History |
Duration | 15 Days |
content | MCQ , Short & Long |
Important for | Bihar board & Other state board Exam |
Day – | 4th |
- प्रथम बौद्ध संगीति कहाँ हुई थी?
C |
(A) सारनाथ (B) बोधगया
(C) राजगृह (D) बनारस
- श्वेताम्बर और दिगम्बर किस धर्म से संबंधित हैं?
B |
(A) बौद्ध (B) जैन
(C) ब्राह्मण (D) ईसाई
- साँची का स्तूप किस धर्म से संबंधित है?
A |
(A) बौद्ध (B) जैन
(C) ब्राह्मण (D) सिक्ख
- महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई थी?
B |
(A) लुम्बिनी (B) बोधगया
(C) सारनाथ (D) कुशीनगर
- स्तूप सम्बन्धित है
B |
(A) जैन धर्म से (B) बौद्ध धर्म से
(C) हिन्दू धर्म से (D) सिक्ख धर्म से
- त्रिपिटक क्या है?
(What is Tripitaka?)
उत्तर– बौद्ध धर्म में बुद्ध के उपदेशों एवं बौद्ध धर्म से संबंधित ज्ञान के पिटारा को त्रिपिटक कहते हैं। यह तीन हैं-
(i) सूत्रपिटक – इसमें बुद्ध के जीवन का वर्णन है।
(ii) विनयपिटक— इसमें बौद्ध संघ के नियमों का वर्णन है।
(iii) अभिधम्मपिटक— इसमें बौद्ध दर्शन एवं शिक्षाओं का वर्णन है।
- महावीर का जन्म कहाँ हुआ था?
C |
(A) लुम्बिनी (B) पावा
(C) कुण्डलवन (वैशाली) (D) सारनाथ
- महावीर ने पार्श्वनाथ के सिद्धांतों में नया सिद्धांत क्या जोड़ा?
B |
(A) अहिंसा (B) ब्रह्मचर्य
(C) सत्य (D) अपरिग्रह
- आर्यों की सभ्यता किस नाम से जानी जाती है?
C |
(A) ताम्रपाषाणिक सभ्यता (B) नवपाषाणिक सभ्यता
(C) वैदिक सभ्यता (D) हड़प्पा सभ्यता
- आर्यो का सबसे प्रमुख पशु कौन था?
A |
(A) गाय (B) बैल
(C) सांढ़ (D) घोड़ा
- आर्यों का प्रिय पेय क्या था?
A |
(A) सोम रस (B) दूध
(C) सूरा (D) इनमें से कोई नहीं
- बौद्ध धर्म के अष्टांगिक मार्गों के नाम लिखें।
(Write the names of Eight fold Path (Ashtangik Marg) of Buddhism.)
उत्तर- गौतम बुद्ध ने लोगों को सांसारिक दुखों से मुक्ति के लिए निम्न अष्टांगिक मार्ग गौतम बताये।
(i) सम्यक दृष्टि (ii) सम्यक संकल्प
(iii) सम्यक वाक् (iv) सम्यक कर्मान्त
(v) सम्यक आजीव (vi) सम्यक व्यायाम
(vii) सम्यक स्मृति (viii) सम्यक समाधि
- महात्मा बुद्ध को महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ—
C |
(A) कपिलवस्तु में (B) पाटलिपुत्र में
(C) कुशीनगर में (D) गया में
- बुद्ध का सारनाथ में दिया प्रथम प्रवचन- क्या कहलाता है?
B |
(A) धर्म प्रवर्तन (B) धर्मचक्र प्रवर्तन
(C) धर्म समागम (D) मध्य समागम
- बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग में कौन-सा सिद्धांत नहीं था?
C |
(A) सम्यक् दृष्टि (B) सम्यक् वाक्
(C) सम्यक् चरित्र (D) सम्यक् स्मृति
- निम्न में से कौन गौतम बुद्ध के शिष्य थे?
D |
(A) आनन्द एवं उपाली (B) कश्यप
(C) सारिपुत्र एवं गौद्रलायन (D) उपर्युक्त सभी
- ‘किसके शासन काल में बौद्ध धर्म का विभाजन हीनयान और महायान सम्प्रदायों में हुआ?
B |
(A) अशोक (B) कनिष्क
(C) हर्षवर्द्धन (D) धर्मपाल
- वैदिक साहित्य पर संक्षेप में टिप्पणी लिखें।
(Write Short notes on Vedic literature.)
उत्तर— वैदिक आर्यों द्वारा रचित साहित्य का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है।
(i) वेद– वेद आर्यों का प्राचीनतम ग्रंथ है। वेद चार हैं- (a) ऋग्वेद (b) सामवेद. (c) यजुर्वेद (d) अथर्ववेद। इन चारों में ऋग्वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ है।
(ii) ब्राह्मण ग्रंथ– यज्ञ के विषयों का प्रतिपादन करने वाले ग्रंथ ब्राह्मण ग्रंथ कहलाते हैं। इनमें वैदिक मंत्रों की व्याख्या के साथ यज्ञ के विषयों का प्रतिपादन किया गया है।
(iii) आरण्यक– वनों तथा अरण्यों में रहकर विभिन्न ऋषियों ने जिस साहित्य की रचना की आरण्यक कहलाये थे।
(iv) उपनिषद्- इनमें आर्यों का आध्यात्मिक और दार्शनिक चिंतन देखने को मिलता है।
- गौतम बुद्ध के गृह त्याग की घटना को बौद्ध ग्रन्थों में क्या कहा गया है?
A |
(A) महाभिनिष्क्रमण (B) धर्मचक्र प्रवर्तन
(C) संबोधि (D) महापरिनिर्वाण
- गौतम बुद्ध ने बौद्ध संघ की स्थापना कहाँ की थी?
B |
(A) बनारस में (B) सारनाथ में
(C) राजगृह में (D) चंपा में
- बौद्ध धर्म के भारत में पतन का कारण क्या नहीं है?
(A) ब्राह्मणवाद में सुधार
(B) बौद्ध विहारों की संपत्ति
B |
(C) बुद्धिजीवियों की भाषा संस्कृत का प्रयोग
(D) राजसी संरक्षण की कमी
- गौतम बुद्ध किस कुल से संबंधित थे?
A |
(A) शाक्य कुल (B) ज्ञात्रिक कुल
(C) कोलिय कुल (D) मौरिया कुल ?
- निम्न में से प्राचीनतम वेद कौन है?
B |
(A) सामवेद (B) ऋग्वेद
(C) अर्थववेद (D) यजुर्वेद
- प्राचीन भारत में वर्णव्यवस्था पर प्रकाश डालिये।
(Throw light on Varna system in Ancient India.)
उत्तर— ऋग्वेद के पुरुष सुक्त तथा महाभारत के शांति पर्व से जानकारी मिलती है कि ब्रह्मा (विराट पुरुष) के मुख से ब्राह्मण, बाहु से क्षत्रिय, जंघा से वैश्य तथा पैरों से शूद्र वर्ण की उत्पत्ति हुई। प्रारम्भ में चातुर्वण्य व्यवस्था का आधार कर्म था। ब्राह्मण का कार्य कर्मकाण्ड सम्पन्न कराना था। राजा क्षत्रिय होता था, जिसका कार्य रक्षा करना था। वैश्य का कार्य व्यापार था। इन तीनों 7 वर्णों को सम्मिलित रूप से द्विज कहा जाता था। शूद्र वर्ण का कार्य इन तीनों वर्णों की सेवा करना था। कालान्तर में यह व्यवस्था कर्म के स्थान पर जन्म पर आधारित हो गयी।
- ऋग्वैदिक कालीन लोग किसकी पूजा करते थे?
B |
(A) विष्णु (B) प्रकृति
(C) लक्ष्मी (D) शिव
- ऋग्वैदिक समाज‘ था
A |
(A) पितृसतात्मक (B) मातृ सतात्मक
(C) पत्नी प्रधान (D) इनमें से कोई नहीं
23. वेद का अर्थ है। |
A |
(A) ज्ञान (B) कर्म
(C) पूजा (D) सुनना
- 24. ऋग्वेद के पुरुष सूक्त में सर्वप्रथम वर्ण का उल्लेख मिलता है?
D |
(A) ब्राह्मण (B) क्षत्रिय
(C) वैश्य (D) शुद्र
- ऋग्वेद में मंडलों की संख्या कितनी है?
A |
(A) 10 (B) 11
(C) 12 (D) 13
- लिंगायत सम्प्रदाय की दो विशेषताओं का वर्णन करें।
(Describe two features of Lingayat Sect.)
उत्तर – लिंगायत समुदाय की दो विशेषताएँ निम्न हैं :
(i) लिंगायत भारतवर्ष के प्राचीनतम् सनातन हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है। यह मत भगवान शिव की स्तुति अराधना पर आधारित है।
(ii) लिंगायत के ज्यादातर अनुयायी दक्षिण भारत में हैं। इस संप्रदाय की स्थापना 12वीं शताब्दी में बसवण्णां ने की थी।
- जैनियों के प्रथम तीर्थंकर थे-
B |
(A) पार्श्वनाथ (C) अनितनाथ
(B) ऋषभदेव (D) परमप्रभ
- सर्वमान्य मत के अनुसार आर्य कहाँ के मूल निवासी थे?
C |
(A) यूरोप (B) अफ्रिका
(C) मध्य एशिया (D) द०पू० एशिया
- उपनिषद् मूलतः किस प्रकार के ग्रंथ है?
D |
(A) राजनीतिक (B) सामाजिक
(C) धार्मिक (D) दार्शनिक
- निम्नलिखित वर्णों में किसे उपनयन संस्कार करने का अधिकार नहीं था?
D |
(A) ब्राह्मण (B) क्षत्रिय
(C) वैश्य (D) शुद्र
- बोग्जाकोई नामक स्थान कहाँ स्थित था?
C |
(A) अफगानिस्तान (B) आर्कटिक प्रदेश
(C) एशिया माइनर (D) ईरान
- महात्मा बुद्ध की शिक्षायें क्या थीं?
(What were the preachings of Mahatma Buddha?)
उत्तर – महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। इनकी मुख्य शिक्षायें निम्न थीं :
(i) चार आर्य सत्य है— दुःख, दुरः समुदाय, दुखनिरोध, दुख निषेध गामिनी क्रिया
(ii) अष्टांगिक मार्ग- सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्मात सम्यक आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि ।
(iii) मनुष्य को मध्यम मार्गी होना चाहिए।
(iv) मनुष्य को अहिंसा का पालन करना चाहिए।
(v) जातिवाद, यज्ञ परंपरा आदि में अविश्वास रखना चाहिए।
- सांची का स्तूप मूलत: किस मौर्य शासक ने बनवाया?
C |
(A) दशरथ (B) सम्प्रति
(C) अशोक (D) बिंदुसार
- वैदिक सभ्यता थी।
(A) नगरीय (B) ग्रामीण
B |
(C) शिकारी (D) इनमें से कोई नहीं
- त्रिरत्न किस धर्म से संबंधित है?
B |
(A) बौद्ध धर्म (B) जैन धर्म
(C) शैव (D) वैष्णव
- तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ हुई थी?
A |
(A) पाटलिपुत्र (B) कुण्डलवन
(C) सारनाथ (D) राजगृह
- जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर कौन थे?
D |
(A) ऋषभदेव (B). आदिनाथ
(C) पार्श्वनाथ (D) महावीर स्वामी
- बौद्ध-धर्म के महायान और हीनयान के सिद्धांत में क्या अंतर है?
(What are the basic differences between the principle of Mahayan and Hinyan of Buddhism?)
उत्तर – हीनयान सम्प्रदाय महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित है, यह सम्प्रदाय महात्मा बुद्ध को एक महापुरुष के रूप में स्वीकारता है। हीनयान में ज्ञान को प्रमुख स्थान दिया गया है। तथा व्यक्ति को निर्वाण की प्राप्ति करना उद्देश्य बताया गया है।
महायान सम्प्रदाय में महात्मा बुद्ध के अतिरिक्त बोधिसत्वों की शिक्षाओं को शामिल किया गया तथा महात्मा बुद्ध को एक सर्वशक्तिमान देवता माना गया है। महायान सम्प्रदाय में ज्ञान के स्थान पर करुणा को अधिक महत्त्व दिया गया है। महायान सम्प्रदाय के अनुयायी बोधिसत्व को आदर्श मानते हुए गृहस्थ जीवन को अधिक महत्त्व दिया है।
- प्राचीन भारत में द्वितीय शहरीकरण कब हुआ था?
C |
(A) ऋग्वैदिक काल में (B) उत्तरवैदिक काल में
(C) प्राक् मौर्यकाल में (D) मौर्यकाल में
- ‘हीनयान‘ और ‘महायान‘ सम्प्रदाय किस धर्म से संबंधित है?
B |
(A) जैन (B) बौद्ध
(C) हिन्दू (D) सिख
- जिस बोधिवृक्ष के नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ उसे किसने नष्ट कर दिया था?
A |
(A) शशां (B) तोरामण
(C) बख्तियार खिलजी (D) मिहिरकुल
- धर्मचक्र परिवर्तन क्या है?
B |
(A) मोक्ष की प्राप्ति (B) प्रथम उपदेश
(C) आचार संहिता (D) संघ का संगठन
- गौतम बुद्ध को ज्ञान किस नदी के किनारे मिला था?
C |
(A) गंगा नदी (B) गंडक नदी
(C) निरंजना नदी (D) कमला नदी
- बुद्ध के चार आर्य सत्यों का उल्लेख करें
(Write four Arya truth of Buddhism.)
उत्तर- महात्मा बुद्ध ने चार आर्य सत्यों पर बल दिया। ये निम्नलिखित हैं-
(i) संसार दुःखमय- महात्मा बुद्ध के अनुसार मानव जीवन दुःखों का घर है। बीमारी, बुढ़ापा, मृत्यु आदि मानव जीवन के भीषण दुःख हैं।
(ii) दुःख समुदाय— बुद्ध के अनुसार दुःखों का मूल कारण मानव जीवन ही है। दुःखों का मूल कारण तृष्णा है।
(iii) दु:ख निरोध– यदि मानव की तृष्णा समाप्त हो जाय तो दुःखों का निवारण हो – सकता है।
(iv) दु:ख निरोध का मार्ग- महात्मा बुद्ध के अनुसार इन सांसारिक दुःखों से छुटकारा पाने के लिए अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करना चाहिये ।
- महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम क्या था?
B |
(A) वर्द्धमान (B) सिद्धार्थ
(C) देवदत (D) राहुल
- गौतम बुद्ध के समकालीन मगध सम्राट था।
B |
(A) चन्द्रगुप्त मौर्य (B) बिम्बिसार
(C) अजातशत्रु (D) अशोक
- गौतम बुद्ध को खीर खिलानेवाली स्त्री का नाम क्या था?
D |
(A) अंबपाली (B) शालवती
(C) गौतमी (D) सुजाता
- चौथी बौद्ध परिषद किस शासक के काल हुई थी?
D |
(A) अशोक (B) कालाशोक
(C) अजातशत्रु (D) कनिष्क
- द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन कहाँ हुआ था?
C |
(A) राजगृह (B) पाटलिपुत्र
(D) श्रीनगर (C) वैशाली
- सांची के स्तूप पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
(Write short notes on the Stupa of Sanchi.)
उत्तर— सांची का स्तूप विश्व के प्रमुख सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। यह स्तूप मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगरी विदिशा के समीप सांची की पहाड़ी पर स्थित है। यह स्तूप आज भी अच्छी हालत में है, जबकि अन्य करीब-करीब नष्ट हो गये हैं। इस महास्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने कराया था। महास्तूप में भगवान बुद्ध के, द्वितीय स्तूप में अशोककालीन धर्म प्रचारकों के एवं तृतीय स्तूप में बुद्ध के दो शिष्यों सारिपुत्र एवं महामोद्ग्ल्यायन के अवशेष रखे हुए हैं। सांची के स्तूप का वर्णन श्रीलंका की बौद्ध पुस्तकें दीपवंश एवं महावंश में मिलता है। सांची के स्तूप पर खुदे हुये लेख में बड़े-बड़े अमीर एवं व्यापारियों द्वारा दिये गये दान का वर्णन मिलता है। इसी दान से सांची का स्तूप निर्मित किये गये थे।
- चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कहाँ हुआ था?
B |
(A) पाटलिपुत्र (B) श्रीनगर
(C) राजगृह (D) तक्षशीला
- ऋग्वैदिक आर्यों के युद्ध देवता कौन थे?
A |
(A) इन्द्र / पुरन्दर (B) वरूण
(C) अग्नि (D) रूद्र
- ऋग्वेद में वर्णित ‘दशराज्ञ युद्ध‘ किस नदी के किनारे हुआ था?
C |
(A) दृषद्वति नदी के किनारे (B) शत्रुद्रि नदी के किनारे
(C) परुष्णी नदी के किनारे (D) आसिवनी नदी के किनारे
- महावीर जैन को किस नदी के किनारे ज्ञान की प्राप्ति हुई?
C |
(A) गंगा (B) सोन
(C) ऋजुपालिका (D) गंडक
- 50. किस वंश ने बौद्ध धर्म को संरक्षण प्रदान किया?
C |
(A) शुंग (B) कण्व
(C) इंडो-ग्रीक (D) सातवाहन
- निर्वाण से आप क्या समझते हैं?
(What do you know about Nirvana?)
उत्तर- बौद्ध धर्म में जीवन का परम लक्ष्य निर्वाण प्राप्ति माना है। जीवन-मरण चक्र से मुक्ति ही निर्वाण है। बौद्ध धर्म के निर्वाण का सिद्धांत वैदिक धर्म के निर्वाण के सिद्धांत से पूर्णत: भिन्न है। वैदिक धर्मानुसार सत्कर्मों से व्यक्ति में निहित आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाती है और पूर्वजन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। अर्थात् मृत्यु पर ही निर्वाण संभव है। जबकि बौद्ध धर्म के अनुसार निर्वाण इसी जन्म में प्राप्त किया जा सकता है जबकि महापरिनिर्वाण मृत्यु के बाद ही संभव है।
- गोपूरम से आप क्या समझते हैं?
(What do you understand by Gopuram?)
उत्तर- गोपूरम मंदिरों के प्रवेश द्वार को कहा जाता है। विजयनगर शासकों ने मंदिरों में गोपूरम का निर्माण कराया। ये अत्यधिक विशाल एवं ऊँचे होते थे। ये संभवतः सम्राट की ताकत की याद दिलाते थे जो ऊँची मीनार बनाने में सक्षम थे।
LONG TYPE QUESTION ANSWER 5 MARKS
- बौद्ध धर्म के पतन के कारणों का उल्लेख करें।
(Write the causes of the down fall of Buddhism.)
उत्तर– छठी शताब्दी ई०पू० से लेकर गुप्तकाल तक उन्नतिशील बौद्ध धर्म में गुप्तकाल के पश्चात पतन के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगे जिसके कारण अग्रलिखित हैं-
(i) बौद्ध धर्म का परिवर्तितस्वरूप- कालांतर में बौद्ध धर्म में कई जटिलताएँ आ गई। बौद्धों ने कुछ हिंदू देवी-देवताओं को भी अपने धर्म में स्थान देना प्रारंभ कर दिया। वज्रयान संप्रदाय नेटोने-टोटके को बढ़ावा दिया। इस प्रकार मूल स्वरूप में आये परिवर्तनों ने इसके पतन को बढ़ावा दिया।
(ii) संघ में भ्रष्टाचार पनपना— कालांतर में बौद्ध विहार भ्रष्टाचार के केंद्र बन गये। बौद्ध लोग भोग-विलास में लिप्त हो गये। मठों में धन संग्रह होने लगा। मठों में बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणियों के प्रणय से जनसाधारण का बौद्ध भिक्षुओं से विश्वास उठ गया।
(iii) हिंदू धर्म में सुधार- बौद्ध एवं जैन धर्म की उन्नति को देख हिंदू धर्म ने भी अनेक आंतरिक सुधार किये। शंकराचार्य, कुमारिल भट्ट तथा रामानुज आदि कुछ ऐसे हिंदू दार्शनिक हुए जिन्होंने हिंदू धर्म के दोषों को दूर किया। अतः इन्हीं के सतत् प्रयासों से एक बार पुनः आम आदमी बौद्ध धर्म की जटिलता से त्रस्त हो हिंदू धर्म की ओर आकृष्ट हुआ।
(iv) विभाजन– गौतम बुद्ध के पश्चात बौद्ध धर्म में निरंतर विभाजन होते गये। महासांघिक, थेरवाद, हीनयान, महायान, वज्रयान आदि संप्रदायों की स्थापना से बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत लगभग भुला ही दिये गये।
(v) राजकीय संरक्षण का अंत- भारत में पालवंश के अंत के साथ ही बौद्ध धर्म से राजकीय संरक्षण समाप्त हो गया। बौद्ध के अहिंसावादी सिद्धांत के कारण राजपूत राजाओं ने हिंदू धर्म को संरक्षण दिया।
(vi) विदेशी आक्रमण – बौद्ध विहारों में किया गया संपत्ति संग्रह ही अन्ततः उनके पतन का कारण बना। हूण आक्रमण ने बौद्ध धर्म को पतन की ओर अग्रसर किया। मुसलमानों का आक्रमण भी इनके पतन का कारण बना। सीधा-सा कारण यह था कि बौद्ध मठ धन के गढ़ समझे जाते थे और प्रत्येक विदेशी आक्रमणकारी मठों पर आक्रमण कर धन प्राप्त करना चाहता था।
उपर्युक्त सभी कारणों द्वारा चारों ओर से प्रहार होने के कारण बौद्ध धर्म अपने अस्तित्व को बनाये नहीं रख सका। अन्ततोगत्वा 13 वीं शताब्दी में विक्रमशीला और नालंदा के ध्वंश के साथ ही भारत से बौद्ध धर्म का लोप हो गया।
- बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म की संक्षिप्त तुलना करें।
(Briefly compare Buddhism and Jainism.)
उत्तर— बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म दोनों ब्राह्मण धर्म के कठोरता, पाखंड, कर्मकांडों के अतिशय प्रयोग के आधार पर फला-फूला था। दोनों धर्मों में कुछ समानताएँ एवं विषमताएँ भी थी।
समानताएँ-
(i) दोनों धर्म वेदों को प्रमाणिक ग्रंथ नहीं मानते थे।
(ii) दोनों धर्म वैदिक ब्राह्मण धर्म के यज्ञवाद, बलीप्रथा, बहुदेववाद और जातिवाद का विरोध करते थे।
(iii) दोनों निवृत्तिमार्गी यानी संसार त्याग पर जोर देते थे।
(iv) दोनों में कर्मवाद एवं पुनर्जन्म पर जोर दिया गया।
(v) दोनों धर्मों में अहिंसा एवं मानववाद पर जोर देते थे।
(vi) दोनों संस्कृत की जगह जनभाषा में धर्म का प्रचार-प्रसार किया।
विषमताएँ-
(i) जैन साहित्य के अनुसार जैन धर्म बौद्ध धर्म से अधिक प्राचीन था।
(ii) जैन धर्म बौद्ध धर्म की तुलना में अहिंसा पर अधिक बल दिया।
(iii) जैन धर्म के दिगम्बर संप्रदाय वस्त्र विहीन रहते थे जबकि बौद्ध वस्त्र धारण करते
(iv) जैन के अनुसार मोक्ष मृत्यु में ही मिल सकता है। के बाद संभव है जबकि बौद्ध के अनुसार वह इस जीवन
(v) बौद्ध पाली भाषा जबकि जैन प्राकृत भाषा का प्रयोग प्रचार प्रसार के लिए किया।
- सांची के स्तूप की खोज एवं उससे संबंधित प्रमुख तथ्यों का वर्णन कीजिए।
(Describe the mainfacts and exploration related to sanchi stupa.)
उत्तर— जनरल टेलर ने 1818 ई० में सांची के स्तूपों की खोज की। 1822 ई० में भोपाल के असिस्टेंट पॉलिटिकल ऐजेंट कैप्टन जानसन ने प्रमुख स्तूप के ऊपर से नीचे तक की खुदायी की। 1851 में अलेक्जेंडर कनिंघम एवं कैप्टन मैसी ने भी यहाँ खुदायी करायी और यहाँ प्राप्त अभिलेखों का अध्ययन किया। इसके बाद 1912 में सर जॉन मार्शल ने यहाँ खुदाई कराई। सांची में प्राप्त अवशेषों तथा अभिलेखों से निम्नलिखित तथ्य सामने आये।
सांची में एक विशाल तथा दो छोटे स्तूप हैं। विशाल स्तूप में भगवान बुद्ध तथा दूसरे में अशोककालीन धर्म प्रचारकों के तथा तृतीय में बुद्ध के दो शिष्यों सारिपुत्र एवं महामोद्ग्ल्यायन के अवशेष रखे हुये हैं।
सांची के स्तूप का वर्णन श्रीलंका की बौद्ध पुस्तकों दीपवंश एवं महावंश में मिलता है। इनके अनुसार उज्जयिनी का शासक रहते हुये अशोक ने विदिशा के एक व्यापारी की कन्या देवी से विवाह किया। इसी रानी ने पहाड़ी के ऊपर बुद्ध धर्म के स्मारक बनवाये। सांची स्तूप पर खुदे हुये शिलालेख में बड़े-बड़े अमीर एवं व्यापारियों द्वारा दिये गये दान का वर्णन मिलता है। इसी दान से सांची स्तूप निर्मित हुये।
महास्तूप का निर्माण अशोक के समय ईंटों की सहायता से हुआ था एवं इसके चारों ओर काष्ठ की वेदिका बनी थी।